Sunday, February 19, 2012


क्रिसमस(251211)
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याद है
वो क्रिसमस की रात थी
ठिठुरन बहुत थी
ठंड कमाल की थी
मैं
तुम्हारे घर आया था
टोपी पहनी थी
जर्सी की हुड कैप लगाई थी
ऊपर से
मफलर बांधा था
तुमने
लल्लूलाल कहा था
याद है
वो क्रिसमस की रात थी
8 रुपए की सौ ग्राम मूंगफली
और
10 वाली Bar-One लाया था
देर तक बातें की थीं
दांतों को दबाकर
होंठों को भींचकर
खूब शोर मचाया था
रात भर सोए नहीं थे
सिर्फ
एक दूसरे में खोए थे
एक दूसरे में खोए थे
एक दूसरे में खोए थे...
याद है
वो क्रिसमस की रात थी
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आज भी
क्रिस्मस की रात है
पर
ठंड नहीं है
सिर्फ
एक शर्ट पहनी है
बाहें भी मोड़ रखी हैं
आज भी देखती
तो
लल्लूलाल कहती
आज भी
क्रिस्मस की रात है
पर
मूंगफली के दाने नहीं हैं
चॉकलेट
खाना भूल गए हम
ढ़ेर सारी बाते हैं
कहने को कोई नहीं
आज भी
क्रिस्मस की रात है
दांतों को दबाया है
होठों को भींचा है
जी भर के रोया है
खामोशी का शोर है
रात भर
आज भी नहीं सोए हैं
फिर भी
आज हम खोए हैं
आज हम खोए हैं
आज हम खोए हैं
आज भी
क्रिस्मस की रात है...

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