Wednesday, March 10, 2010

PCB नाराज है... ?



इस पोस्ट को लिखने का सीधा सा मतलब मेरे लिए इतना है कि मैं क्रिकेट का दीवाना हूं. हालांकि अभी क्रिकेट देखने का उतना मौका नही मिल पाता है फिर भी न्यूज रूम में देख ही लेता हूं.

मैं क्रिकेटर बनना चाहता था. लेकिन मम्मी को पसंद नहीं था, मैं कुछ कर भी नहीं सकता था.(आज भी मम्मी के खिलाफ नहीं जा सकता).

क्रिकेट की बात इसलिए कर रहा हूं क्योकिं दो दिन पहले(10 मार्च) का दिन क्रिकेट में ऐसा रहा, जैसा पहले कभी नहीं रहा. क्यों, क्योंकि ये दिन रहा बड़े और कड़े फैसले लेने का. PCB यानी पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने अपने दो बड़े क्रिकेटरों, मोहम्मद यूसुफ और यूनिस खान पर अनिश्चितकाल के लिए बैन लगा दिया. अकमल बंधुओं पर 20 लाख का जुर्माना और अपने फोडू बल्लेबाज अफरीदी पर 30 लाख का जुर्माना लगा. जब ऐसे फैसले लिए जाते हैं तो काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता होगा. फैसला जब हमारे और आपके पास पहुंचता है तो एक झटका सा लगता है.

लेकिन क्या PCB सचमुच नाराज है ? क्या इतना कड़ा निर्णय लेना वाकइ PCB के सही रवैये को दर्शाता है ?

मेरी समझ में नहीं. इसलिए, क्योंकि, पहले खबर आई थी कि दोनों खिलाड़ियों(यूसुफ, यूनिस) पर आजीवन पाबंदी लगा दी गई है. फिर एजेंसी के हवाले से खबर आई कि बैन ताउम्र नहीं, बेमियादी है. हो सकता है कि पहले जो खबर मिली उसमें सूत्रों से कुछ गलती हो गई हो, लेकिन इस बात की ज्याद संभावना है कि पाकिस्तान ने अपना फैसला बाद में बदला हो. इसके पहले भी PCB ने अपने कई खिलाड़ियों की करतूतों पर सजा सुनाते हुए आजीवन बैन लगाया था, फिर सजा में ढील दी गई. यहां भी कुछ ऐसा ही लगता है.

यहां तक तो फिर भी बात समझ में आती है कि, आपका अपना खिलाड़ी है, देश के लिए जी जान से खेलता है, थोड़ी नरमी दिखा दी तो क्या गलत किया. लेकिन ये समझ नहीं आता कि आप देश के साथ धोखा करने वाले खिलाड़ी को इतनी कमजोर सजा क्यों दे रहे हैं? जिसने खराब प्रदर्शन किया उसको बेमियादी बैन और जिसपर मैच फिक्सिंग का आरोप है उसपर महज कुछ रुपयों का जुर्माना? फिक्सिंग का जुर्म अभी साबित नहीं हुआ है लेकिन फिक्सिंग को खराब प्रदर्शन से नीचले स्तर का अपराध मानना क्या ये सही है? वैसे खबरें तो ये भी हैं कि दोनों खिलाड़ियों पर नाफरमानी की गाज गिरी है. दोनों खिलाड़ियों को पहले ही आगाह कर दिया गया था कि गुटबाजी नहीं खेल पर ध्यान दो. PCB की तरफ से अभी तक कुछ भी साफ-साफ नहीं कहा जा रहा है. बात धुंधलके में है. बात कब साफ होगी पता नहीं. वैसे भी PCB जो चाहता है वहीं करता है. अगर खिलाड़ियों में गुटबाजी है तो इसकी वजह का पता लगाना भी PCB का ही काम है, ना कि सिर्फ सजा देना.

शायद अगला पोस्ट इसके तुरंत बाद मिले. खेल से ही संबंधित होगा. उसमें भी एक गेंद को एक लकड़ी के टुकड़े से मारा जाता है और खिलाड़ी गेंद के चक्कर में चकरधिन्नी बन जाते हैं...

सूचना में कोई गलती हो तो सही जानकारी की प्रतीक्षा में...

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