लिखने की कोशिश करता हूं
समझा नहीं सकता
क्या लिख रहा हूं
पहले जो समझ लूं तो,
लिख ही क्यों दूं
कहने की कोशिश करता हूं
वो कह न सका
जो कह पाता
जो कह देता
वो सुन लेते
समझाने की कोशिक करता हूं
जो समझा न सका
वो समझ न सके
जो समझ पाते
तो रुक जाते
सुनाने की कोशिश करता हूं
वो दूर बहुत हैं
सुनते, समझते
तो उठते नहीं
कोशिश ये होती नहीं...
समझा नहीं सकता
क्या लिख रहा हूं
पहले जो समझ लूं तो,
लिख ही क्यों दूं
कहने की कोशिश करता हूं
वो कह न सका
जो कह पाता
जो कह देता
वो सुन लेते
समझाने की कोशिक करता हूं
जो समझा न सका
वो समझ न सके
जो समझ पाते
तो रुक जाते
सुनाने की कोशिश करता हूं
वो दूर बहुत हैं
सुनते, समझते
तो उठते नहीं
कोशिश ये होती नहीं...
http://vyakhyaa.blogspot.in/2012/09/blog-post_18.html
ReplyDelete